About The Book
जिस प्रकार पानी की एक-एक बूंद मिलकर विशाल सागर को जन्म देती है, ठीक उसी तरह छोटी-छोटी खुशियां मिलकर हमारे जीवन की बगिया को खुशहाल बनाने के साथ उसे महकाने का भी काम करती है। इसलिए आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि किसी भी कीमत पर दुनिया की हर खुशी उसके पास हो। परंतु जब व्यक्ति खुशी को तलाशने निकलता है तो उसके मन में अनेकों दुविधाएं पैदा होने लगती हैं। जीवन में कभी भी निराशा का माहौल बनने लगे तो हमें अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करना चाहिये। जब आप हालात को देखने का रचनात्मक नजरिया बना लेते हैं तो हर तरह के गमों को खुशियों में बदलते देर नहीं लगती। इस पुस्तक को अनमोल खुशियां का नाम केवल इसलिये दिया गया है क्योंकि इसका हर एक लेख जहां अनमोल है वहीं उसे अपनाने से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की दशा और दिशा को बदल सकता है। लेखक का मानना है कि जो व्यक्ति कुछ भी पाने पर न तो अधिक खुश होते हैं और न ही कुछ खोने पर निराश करते हैं उनके जीवन में सदा सुख और अनमोल खुशियां महकने लगती हैं।